Salasar Balaji Dham History In Hindi - सालासर बालाजी का इतिहास, यहां हनुमान जी रखते है दाढ़ी मूंछ

History of Salasar Rajasthan

राजस्थान:- पुरे संसार में हनुमान जी के अनेको चमत्कारिक रूप और बहुत ही अद्भुत मंदिर है इन मंदिरो में सबसे प्रसिद है हनुमान जी का यह अनोखा मंदिर जहाँ हनुमान जी दाढ़ी मुझो से सुशोभित है. यह मंदिर सालासर का राजस्थान राज्य के चुरू जिले के सुजानगढ़ में है.
 
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इस मंदिर में बालाजी की प्रतिमा को सोने के सिहासन पर स्थापित किया गया है. इस प्रतिमा के ऊपर की तरफ राम का  दरबार है और निचे की तरफ राम के चरणो में हनुमान जी दाढ़ी मुझो से सुशोभित बालाजी के रूप में विराजमान है. यह बालाजी की प्रतिमा सालिग्राम पत्थर से बनाई गयी है तथा बालाजी की प्रतिमा को गेरुए रंग तथा सोने के आभूषणो से सजाया गया है बालाजी के सर पर रत्नो से जड़ित भव्य मुकुट भी चढ़ाया गया है.
बालाजी की  प्रतिमा का रूप बहुत ही अदभुत, आकर्षक और प्रभावशली है. इस मंदिर के अंदर एक प्राचीन कुण्ड है जहाँ श्रद्धालु बड़े ही शारदा पुण से स्नान करते है. और ये भी कहा जाता है इस कुण्ड का जल आरोग्यवर्धक है जो भी श्रद्धालु इसमें स्नान करता है वह अपने सभी रोगो से मुक्ति पा लेता है. सालसार के इस मंदिर के स्थापित होने के समय से ही यहाँ एक अखंड दीप प्र्वज्लित है. जो हर टाइम  जलता ही रहता है. बालाजी के मंदिर से लगभग एक किलोमीटर की दुरी पर ही माँ अंजना का बहुत ही सुन्दर और भव्य मंदिर भी स्थित है. 
सालसार मंदिर के संस्थापक मोहनदास जी की बचपन से ही हनुमान जी के प्रति अत्यंत श्रद्धा रही थी. उनको  हनुमान जी की इस प्रतिमा हल जोतते समय जमीन के अन्दर से मिली थी. आज भी मोहनदास के वंशज इस मंदिर में परम्परागत तरीके से बालाजी को दैनिक भोग लगाते है व सुबह शाम उनकी पूजा अर्चना करते है. यहाँ पर देश-विदेश से बहुत भक्त आते है .मंगलवार और शनिवार को यहाँ पर श्रधलुओ की बहुत अधिक भीड़ होती है . यहाँ हर वर्ष भाद्रपद, आश्विन, चैत्र एवं वैशाख की पूर्णिमा के दिन बहुत ही विशाल मेले भी लगता है। 

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