AK-47 के बारे में 22 तथ्य जो आपने कभी नहीं सुने होंगे

Amazing facts information about AK 47 in Hindi, एके-47 के बारे में रोचक तथ्य


आज हम बात करेंगे दुनिया के एक खतरनाक हथियार AK 47 की. जिस तरह से इसने तरक्की की है ना शायद ही कोई दूसरी राइफल ऐसा कर पाए. आज मैं इसकी लगभग सब बातें बताऊँगा. So Let’s begin…

1. AK-47 का पूरा नाम है Automatic Kalashnikov – 47 (47 मतलब, 1947 में बनी थी). ये नाम इसके फाउंडर Mikhail Kalashnikov के नाम पर रखा गया.
2. द्वितिय विश्व युद्ध के दौरान, एक टैंक कमांडर Mikhail Kalashnikov कंधे में चोट लगने के बाद अस्पताल में भर्ती हो गया, वहाँ उसने सेवियत राइफल्स की शिकायत करने वाले घायल सैनिकों की सुनी और इसे बदलने का फैसला किया. और हथियार डिजाइनर के रूप में अपना कैरियर शुरू किया. फिर 1942 से 1947 तक 5 साल की कड़ी मेहनत के बाद एक चीज़ बनाई जिसे आज हम AK 47 कहते है.
AK 47 Ke Bare Puri Jankari Hindi Mein

3. 1947 में पहली एके-47 बनी. और 1949 के बाद से अब तक यह सेवियत और रूसी सेना की स्टैंडर्ड राइफल बनी हुई है. तब इसके निर्माता के पास stalin prize और red star के ऑर्डर आए थे.
4. अफगानिस्तान से लेकर जिम्बांबे तक और दुनिया के 106 देशों की मिलिट्री और कुछ स्पेशल फोर्सेज़ आज ak-47 का प्रयोग करती है.
5. AK-47 दुनिया की अकेली ऐसी राइफल है, जो किसी भी वातावरण में काम कर सकती है. मतलब पानी, रेत या मिट्टी etc. कही भी.
6. एके-47 दुनिया की इकलौती ऐसी राइफल है जिसे बच्चे भी आसानी से चला सकते है. यही कारण है कि आप एके-47 चलाते हुए कई बच्चों की तस्वीर देख सकते है.
7. किसी अन्य बंदूक की बज़ाय दुनिया में सबसे ज्यादा एके-47 को काॅपी किया जाता है. यह केवल 8 पुर्जों से मिलकर बनी होती है और इन्हें एक मिनट से भी कम समय में जोड़ा जा सकता है.
8. AK 47 दुनिया की सबसे ज्यादा ब्लैक (अवैध) रूप से बेची जाने वाली राइफल है.
9. एक ak-47 की लाईफ 6000 से 15000 राउंड तक होती है. ak-47 की एक मैगज़ीन में 30 राउंड होते है.
10. एके-47 का AKM वर्जन, इस समय दुनिया का सबसे हल्का राइफल है. फुल लोड होने के बाद भी इस राइफल का वज़न केवल 3.1 किलो है. इससे एक मिनट में 640 राउंड किए जा सकते है.
11. एके-47 एक गैस संचालित, सिलेक्टिव फायर राइफल है. सिलेक्टिव फायर मतलब, शूटर चाहे तो एक-एक करके फायरिंग कर सकता है या फिर एक ही बार में पूरी मैगज़ीन खाली कर सकता है.
12. आधुनिक एके-47 पर एक ग्रेनेड लांचर भी जोड़ा जा सकता है.
13. एके-47 की भेदन शक्ति इतनी पावरफुल है कि यह कुछ दीवारो, यहाँ तक की कार के धातु के दरवाजें को भेद कर उसके पीछे बैठे इंसान को मार सकती है.
14. AK-47, 300 मीटर की दूरी तक सटीक निशाना लगाती है. यदि शूटर जबरदस्त हुआ तो 800 मीटर पर भी लक्ष्य को मार सकता है.
15. केवल रूस ही दुनिया को एके-47 सप्लाई नही करता, बल्कि 30 अन्य देशों को भी इसे बनाने का लाइसेंस प्राप्त है. जैसे:- भारत, चीन, इज़रायल, मिस्त्र, नाइजीरिया etc. इनमें चाइना, सबसे ज्यादा एके-47 बनाता है.
16. सद्दाम हुसैन को एक सोने की एके-47 गिफ्ट में मिली थी. जो 2003 में इराक पर हुए आक्रमण के बाद अमेरिकी सैनिको द्वारा ज़ब्त कर ली गई.
17. ओसामा बिन लादेन अपने विडियो में एक AK-47 पकड़े हुए दिखाई देता था. ऐसा माना जाता है, कि शायद अमेरिका ने ही लादेन की पहली एके-47 दी हो. अफगानिस्तान में सेवियत संघ से लड़ने के लिए.
18. किसी भी देश का आम नागरिक अपने पास एके-47 नही रख सकता. भारत में यह कानून और भी सख़्त है. एके-47 रखने के जुर्म में संजय दत्त को भी जेल हो गयी थी.
19. जितनी मौतें आज तक हवाई हमलों और राॅकेट हमलों से भी नही हुई, उससे ज्यादा तो ak-47 हो चुकी है. ak-47 से हर साल 2.5 लाख लोगों को गोली मारी जाती है.
20. एके-47 का नाम गिनिज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकाॅर्ड्स में शामिल है क्योंकि ये दुनिया की सबसे ज्यादा उपयोग होने वाला हथियार है. आज की तारीख में दुनिया में करीब 10 करोड़ ak-47 है, मतलब हर 70 लोगों पर एक.
21. Mikhail Kalashnikov ने अपने सबसे बड़े अविष्कार ak-47 की बिक्री से कभी पैसा नही कमाया. 2013 में 94 साल की उम्र में इनकी मौत हो गई.
22. आतंकवादी ak-47 बंदूक का ही इस्तेमाल क्यों करते है ?
Ans. एके-47 को रिलोड होने में मात्र 2.5 सेकंड का समय लगता है. और बंदूक की नली से गोली छूटने की रफ्तार 710 मीटर प्रति सेकंड है. इसे चलाने के लिए किसी खास ट्रेनिंग की भी ज़रूरत नही है. इस पर मौसम का भी कोई असर नही पड़ता, पानी के अंदर भी गोली चलाई जा सकती है. इसकी साफ-सफाई और मेंटेनेंस करना भी बहुत आसान है. यही कुछ कारण है, जिनकी वजह से यह आतंकवादियों की पहली पसंद बनी हुई है.
मिलते है एक ऐसी ही नए रोचक तथ्य वाली पोस्ट के साथ, तब तक के लिए दिनेश डुडी का नमस्ते.

Written By अंकित बाँगड़ ( http://www.gazabhindi.com )



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